इन दिनों ब्रिटेन की एक महिला वैज्ञानिक की चर्चा हर किसी की जुबान पर है। उसने अपने बारे में एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। इस महिला वैज्ञानिक ने कहा है कि बेनामी सेक्स ब्लॉगर 'बेले डे जूर' वही है। उसने यह भी बताया है कि पूर्व में वह ऐज ए प्रॉस्टीट्यूट काम करती थी। उसने जो सबसे चौंकाने वाली बात कही है वह यह कि उसे कॉलगर्ल के रूप में काम करने में जितना संतुष्टि मिलती थी, उतना वैज्ञानिक के वर्तमान पेशे में नहीं है।
याद आता है वह दौर
इस 34 वर्षीय महिला वैज्ञानिक बु्रक मैगनंटी ने अपनी पहचान ब्रिटिश न्यूजपेपर 'द टाइम्स' को बताई है। इसके बाद वह पहली बार सार्वजनिक रूप से सामने आई है। प्रोफेशनल सैटिस्फैक्शन का जिक्र करते हुए उसने कहा है कि उसे कॉलगर्ल की अपनी बीती जिंदगी बहुत याद आती है। उसने बताया कि तब वह एक घंटे के 300 पाउंड कमाती थी। टीवी चैनल स्काई आर्ट्स पर द बुक शो में बात करते हुए उसने कहा कि मैं उन क्षणों से वंचित हो गई हूं जब तमाम लोग मेरे लिए होटल में टहल रहे होते थे। उस वक्त मुझे महसूस होता था कि अब मैं वह काम करने जा रही हूं जिस काम में मैं पूरी तरह से एक्सपर्ट हूं। उसने यह भी कहा कि बेले डे जूर के अंदर अब भी बहुत कुछ बाकी है।
स्टूडेंट लाइफ में ही
डेवलपमेंटल न्यूरोटॉक्सिकोलॉजी और कैंसर रोग स्पेशलिस्ट मैगनंटी वास्तव में उस समय प्रॉस्टीट्यूट के प्रोफेशन में आई जब वह शेफील्ड यूनिवर्सिटी में पीएचडी कर रही थी। उसने अपने पहले कस्टमर से मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा है कि जिस तरह दूसरी जॉब्स में आपको किसी से होने वाली पहली मुलाकात को लेकर रोमांच रहता है, उसी तरह इस प्रोफेशन में भी है। आप अपने पर्सनैलिटी के हर पहलू पर ध्यान देते हैं। ऐसा नहीं है कि पहले मुझमें बेले नहीं था। बेले मेरा अधिक विश्वस्त हिस्सा है।
शर्म तो नहीं, हां डर जरूर
यह पूछे जाने पर कि उसने ब्लॉग क्यों लिखा तो उसने कहा कि अगर मैं ऐसा नहीं करती तो मैं अपने फ्रेंड्स को नहीं बता पाती। इससे मुझे बहुत सारे लोगों के सामने खुद यह नहीं बताना पड़ा कि मेरी जिन्दगी में क्या घटित हो रहा है। हालांकि उसे अपनी पुरानी जिन्दगी को लेकर कोई शर्म महसूस नहीं होती। उसने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है कि मैं खुद को शर्मिन्दा महसूस करूं लेकिन मुझे दूसरे लोगों के रिएक्शंस का डर था। उसने यह भी कहा कि इसके लिए कहीं ज्यादा विश्वास की जरूरत थी। हालांकि उसने कहा कि उसने इसे ग्लैमराइज करने की कोशिश कभी नहीं की। इस दौरान उसने अपने लिटरेरी इंफ्लुएंसेज का भी जिक्र किया। उसने कहा कि वह 1830 में लिखे स्टेढल के नॉवेल द रेड एंड द ब्लैक की कैरेक्टर जूलियन सोरेल से इंस्पायर्ड रही है।
बना रहा सस्पेंस
वैसे बेल डे जूर के अस्तित्व को लेकर सस्पेंस काफी दिनों तक बना रहा। लोग सोचते थे कि यह सच या किसी की फैंटेसी। इस बीच इस ब्लॉग से इंस्पायर होकर एक ग्लॉसी टीवी ड्रामा भी बना, जिसमें बिली पाइपर ने लीड रोल किया।
बुधवार, 2 दिसंबर 2009
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